3 Best Gautam Buddha Moral Story In Hindi | गौतम बुद्ध की कहानियां

Gautam Buddha Moral Story In Hindi

3 Best Gautam Buddha Moral Story In Hindi | गौतम बुद्ध की कहानियां

3 Best Gautam Buddha Moral Story In Hindi | गौतम बुद्ध की कहानियां – दोस्तों आज की इस ब्लॉग पोस्ट में मैं आपको गौतम बुद्ध की ऐसी 3 कहानियों ( Best Gautam Buddha Moral Story In Hindi) से अवगत कराऊंगी जिन कहानियों में शायद आपको आपकी कई समस्याओं का हल मिल जाए।

गौतम बुद्ध की प्रेरणास्पद कहानियाँ ( Life Changing Gautam Buddha Moral Story In Hindi ) जीवन के महत्वपूर्ण सवालों के उत्तर खोजने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करती हैं, इन कहानियों से आप यह भी जानेंगे कि कैसे एक व्यक्ति अपने जीवन को शांति, समृद्धि, और आत्मिक समृप्ति के माध्यम से सफलता की ओर अग्रसर हो सकता है।

Best Gautam Buddha Moral Story In Hindi For Life आपको जीवन के बारे में बोहोत कुछ सिखा सकती है आज के इस blog post पर अंत तक बने रहें मुझे यकीन है आप यहाँ से बोहोत कुछ सीख कर जायेंगे।

गौतम बुद्ध का जीवन परिचय (Best Gautam Buddha Moral Story In Hindi)

गौतम बुद्ध, जिन्हें भगवान बुद्ध, महात्मा बुद्ध, सिद्धार्थ व शाक्यमुनि नाम से भी जाना जाता है। दुनिया के एक महान धार्मिक और दार्शनिक गुरु थे। गौतम बुद्ध का जन्म नेपाल के लुम्बिनी नामक स्थान पर लगभग 563 ईसा पूर्व में हुआ था

और उनकी मृत्यु – 483 ईसा पूर्व में हुई, गौतम बुद्ध एक आध्यात्मिक शिक्षक थे जो ईसा पूर्व छठी और पाँचवी शताब्दी के बीच भारत में रहे थे। उनके पिता का नाम शुद्धोधन था और माता का नाम माया था।गौतम बुद्ध का बचपन बहुत ही आम था। बुद्ध का जन्म एक धनी परिवार में हुआ था,

वे राजकुमार के रूप में पले थे और उन्हें सभी प्रकार की सुख-समृद्धि मिलती थी। हालांकि, उन्होंने जीवन के अस्थायीता की समझ पाई और एक दिन उन्होंने पूरे संसार की दुखभरी स्थिति का आभास किया। एक दिन वे अपनी सारी धन संपत्ति और स्थिति का त्यागकर

संसार को जन्म-मरण और दुखों से मुक्ति दिलाने के सत्य मार्ग एवं दिव्य ज्ञान की खोज में वन की ओर निकल गए जहां जाकर वह एक पेड़ के नीचे बैठ गए और अत्यधिक तपस्या और ध्यान की प्रक्रिया में समय व्यतीत करने लगे गौतम बुद्ध ने प्रण किया कि जब तक उन्हें दुख के रहस्य का उत्तर नहीं मिल जाता,

तब तक वह हार नहीं मानेंगे। उन्होंने अनेक साधना और ध्यान की प्रक्रियाओं का अभ्यास किया ताकि वे आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति कर सकें। वर्षों के कठोर ध्यान और अध्ययन के बाद, आखिरकार उन्होंने ज्ञान प्राप्त कर ही लिया, और वे सिद्धार्थ गौतम से भगवान बुद्ध बन गए।

बुद्ध के जीवन के आखरी दिनों में, उन्होंने महापरिनिर्वाण प्राप्त किया, जिसका मतलब है उनकी आत्मा की अनंत शांति की प्राप्ति। उनका यह जीवन संयम, उपकार, शांति, और आध्यात्मिकता की शिक्षा से भरा था।

1. बस इसीलिए तुम आज तक गरीब हो – Gautam Buddha Moral Story In Hindi

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दोस्तों, हम सभी के जीवन में एक समय ऐसा जरूर आता है जब हम बहुत परेशान और दुखी होते हैं और हमारे इन्ही दुखों में से हमारे दुःख का एक बहुत बड़ा कारण होता है – गरीबी या यूँ कहें की धन का अभाव

इसी धन के अभाव के कारण हमारे जीवन में अन्य समस्याएं भी जन्म ले लेती हैं और यही समस्याएं हमारे दुःख का कारण बनती हैं। इन्ही दुखों को सहते सहते एक दिन अनायास ही हमारे मन में प्रश्न उठता है की आखिर मैं ही क्यूँ मेरे साथ ही यह सब क्यों होता है?

मैंने तो कभी किसी का बुरा नहीं किया, फिर मुझे ये सब क्यों झेलना पड़ रहा है? दोस्तों, गौतम बुद्ध की इस कहानी में हम ऐसे ही कुछ प्रश्नों के उत्तर जानेंगे, तो चलिए कहानी शुरू करते हैं।

गौतम बुद्ध और उनके शिष्य नगर नगर गांव गांव घूम कर अपने ज्ञान का प्रचार प्रसार करते रहते थे। इसीलिए गौतम बुद्ध और उनके शिष्य एक गांव में प्रवचन देने के लिए जा रहे थे।

काफी लम्बा सफर तय करने के बाद बुद्ध और उनके शिष्य थोड़ा आराम कर रहे थे। परंतु लोग अपनी समस्याओं का हल मांगने उनके पास पहुंचते रहते थे।

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ऐसे में वे जहाँ भी रुकते, वहां लोग लम्बी कतारों में जमा हो जाते और उनको अपनी समस्याएं बताते, तथा बुद्ध उनका समाधान भी करते। जिस गांव में बुद्ध आराम कर रहे थे उसी गांव में एक सड़क के थोड़ा किनारे पर एक भिखारी बैठा करता था।

वह रोज यह देखता कि लोग अपना दुख-दर्द और अपनी गंभीर से गंभीर समस्या लेकर आते हैं और बुद्ध को बताते हैं। बुद्ध उनकी समस्याओं को सुनते हैं और उनका समाधान करते हैं।

और जब लोग वहां से जाते हैं, तो उनका चेहरा बेहद खिलखिला रहा होता है। वे बहुत खुश दिखाई देते हैं, बहुत मुस्कुरा रहे होते हैं, उनके चेहरे पर एक अलग ही शांति होती है, और एक नए जोश से भरे दिखते हैं।

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इन सभी लोगों को देखने बाद भिखारी के मन में विचार आया कि क्यों न वह भी बुद्ध के पास जाये और उन्हें अपना हाल सुनाए। परंतु वह डरता था कि कहीं बुद्ध उसकी हालत देखकर उसे धुत्कार ना दे।

लेकिन अपने डर को नजरअंदाज करते हुए एक दिन गहरे चिंतन के बाद हिम्मत करके वह भिखारी बुद्ध के पास गया। वहां लोग लम्बी लम्बी लाइनों में खड़े रहते और एक एक कर अपनी समस्याओं का समाधान लेकर वहां से चले जाते।

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ऐसे में, गौतम बुद्ध के चेहरे पर सदा मुस्कान बानी रहती, और वे हमेशा इसी तरह समस्या का हल बहुत ही सहजता और आसानी से बता देते। भिखारी भी जब उनके पास पहुंचा, तो उन्हें प्रणाम करते हुए बोला, “हे भगवन, इस जगह पर सभी लोग खुश व समृध्द हैं।

सभी अपना जीवन ख़ुशी से जी रहे हैं। पर मैंने ऐसा क्या किया है जो मेरे जीवन में कोई ख़ुशी नहीं है? आखिर मेरे ही साथ ऐसा क्यों होता है? मैं इतना गरीब और निर्धन क्यों हूँ?

मैंने तो कभी किसी को कुछ नहीं किया, जिससे मुझे जीवन में यह दुख झेलना पड़ रहा है।” उसकी पूरी बात सुनने के बाद बुद्ध बोले, “तुम गरीब इसीलिए हो, क्योंकि तुमने सिर्फ माँगा है, कभी किसी को कुछ दिया नहीं है।

इसीलिए तुम्हारे साथ ऐसा होता है, यही कारण है जिस वजह से तुम हमेशा दुखी रहते हो। जब तक तुम्हारे मन में देने का भाव नहीं होगा, तुम्हे ख़ुशी नहीं मिल सकती।” वहां बैठे सभी लोग बुद्ध की ये बातें सुन रहे थे।

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सब लोग हैरान थे, और सबके मन में यह सवाल उठने लगा कि यह गरीब आखिर किसी को क्या दे सकता है, यहाँ तक कि उस भिखारी के मन में भी यही बात चल रही होती है कि आखिर वह किसी को क्या दे सकता है।

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लेकिन अपने मन को शांत करते हुए भिखारी बुद्ध से कहता है, “भगवन, मैं तो खुद ही भीख मांग कर गुजारा करता हूँ।” भला, मैं किसी को क्या दे सकता हूँ? मेरे पास तो देने के लिए कुछ भी नहीं है।

भगवान बुद्ध थोड़ी देर चुप रहे, फिर चुप्पी तोड़ कर बोले, “तुम्हारे पास देने के लिए बहुत कुछ है। ईश्वर ने तुम्हें बहुत कुछ दिया है, जिसे तुम बाँट सकते हो, जिससे तुम लोगों का भला कर सकते हो।

जिसमें सबसे पहले तुम्हारे ये दो हाथ हैं, जिनको तुम लोगों की मदद या सेवा के लिए इस्तेमाल कर सकते हो। तुम्हारे पास मुस्कराहट है, जिसे दूसरों को देकर तुम उनमें एक नई ऊर्जा का संचार कर सकते हो, मुँह से दो मीठी बातें बोल सकते हो।

ईश्वर ने जिनको यह तीन चीजें दी हैं, उनको कभी कोई निर्धन और दुखी नहीं कर सकता। निर्धन होने का विचार तो सिर्फ हमारे मन में पनपता है, यह सिर्फ एक भ्रम है, जिससे तुम्हे उबरना चाहिए और अपनी जिंदगी की नई शुरुआत करनी चाहिए।

सीख

दोस्तों, कहानी के अंत में मैं आपसे बस इतना ही कहना चाहूंगी कि हाथ फैलाने की जगह देना सीखो, जरुरी नहीं कि सिर्फ आर्थिक मदद को ही मदद कहते हैं।

कई बार प्यार से कहे गए कुछ शब्द भी किसी को सहारा दे सकते हैं। दरअसल आज के दौर में तो हम मंदिर भी जाते हैं तो सिर्फ माँगने किसी को कुछ देने का ख़याल मन में आता ही नहीं,

और अगर देखा जाये तो आप जिस चीज के लिए जितना ज्यादा हाथ फैलाते हैं वही चीजें आपसे ज्यादा दूर होती चली जाती हैं। बुद्ध हमेशा कहते हैं कि जितना हमारे पास है उतने से जिसको जितना दिया जा सकता है दो,

अर्थात जिस इंसान में किसी को कुछ देने की भावना होती है वह कभी गरीब नहीं हो सकता।

2. गौतम बुद्ध की सीख – Life Changing Gautam Buddha Moral Story In Hindi

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एक समय की बात है, गौतम बुद्ध और उनका प्रिय शिष्य आनंद एक नदी के किनारे टहल रहे थे। तभी उन्होने देखा, एक युवा राजकुमारी शाही पालकी के पास खड़ी थी। देखने में वह बहुत ही चिंतित लग रही थी।

राजकुमारी को चिंतित देख गौतम बुद्ध उसके पास गए। तब उन्हे पता चला, वह पास के ही राज्य से लौट रही है। रास्ता बहुत लम्बा और थका देने वाला था। इसलिए पालकी को ढोने वाले सेवक बहुत थक गए थे।

बहित ज्यादा थकान होने के कारण राजकुमारी को आगे ले जाना उनके बस से बाहर हो रहा था। लेकिन राजकुमारी को किसी खास अवसर के लिए महल जल्दी पहुचना था। इसलिए राजकुमारी चिंतित थी। बुद्ध ने फैसला किया।

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वह राजकुमारी को मदद का प्रस्ताव देंगे। इस प्रस्ताव से राजकुमारी की परेशानी थोड़ी कम हुई। बुद्ध ने राजकुमारी को पालकी में बैठाया। और अपने शिष्य आनंद के साथ पालकी को काफी दूर तक ले गए।

बुध्द की इस उदारता से सेवको को भी खुद को तरोताजा करने का मौका मिल गया। जब सेवको की थकान दूर हो गई, तब उन्होने गौतम बुद्ध से राजकुमारी को महल पहुंचाने का भार अपने कंधों पर ले लिया।

इस तरह बुध्द और शिष्य आनंद का, राजकुमारी को अलविदा कहने का समय आ गया। दोनो ने बड़े ही आदर के साथ राजकुमारी को प्रणाम कहा और अपने रास्ते चल पड़े।

लेकिन राजकुमारी ने इस सहायता के लिए किसी भी तरह का आभार नहीं दिखाया। बस उसने हाथ लहरा कर अलविदा कह दिया था। आनंद राजकुमारी के इस बर्ताव से अंदर ही अंदर काफी नाराज था, लेकिन वह चुपचाप चल रहा था, इस उम्मीद में कि बुद्ध इस पर कोई प्रतिक्रिया देंगे।

मगर इसके विपरीत, बुद्ध के चेहरे पर एक अजीब सी खामोशी थी। और इस खामोशी में एक अपार शांति थी। इस बात से आनंद बहुत हैरान था। अब चुप रहना उसके लिए मुश्किल हो रहा था।

उसने नाराजगी भरे लहजे में कहा, “वह हमारी सहायता के लिए थोड़ा, तो अभार व्यक्त कर सकती थी। क्या आपको नहीं लगता उस राजकुमारी को शिष्टाचार सिखाने की जरुरत थी?”

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बुद्ध धीरे से मुस्कुराकर बोले, “प्रिय आनंद, किसी चीज से बहुत ज्यादा उम्मीद लगा लेना हमारी निराशा का कारण बन जाता है। किसी से उम्मीद लगा लेना ही हमारे दुख का कारण बन जाता है,

क्योंकि जब हम किसी से उम्मीद लगाते हैं और वह उम्मीद पूरी नहीं होती तो हमें पीड़ा होती है। हमारे मन में निराशा का भाव उत्पन्न होता है। गौतम बुद्ध कि ये बातें सुनकर आनंद को यकीन नहीं हो रहा था कि बुद्ध ऐसा कैसे बोल सकते है।

उसने कहा, “हम उस राजकुमारी का भार अपने कंधों पर उठा कर इतनी दूर तक ले गए। कम से कम वह मुस्कुरा कर अलविदा तो कह सकती थी। क्या एक मुस्कान भी उसके लिए बहुत कीमती थी?

क्या हमारे द्वारा की गई उस सहायता के बदले वह मुस्कुरा भी नहीं सकती थी। हे बुद्ध, मुझे सच में बहुत गुस्सा आ रहा है। आखिरकार हम उसे ढो कर इतने दूर तक ले गए थे। बुद्ध ने जवाब दिया, “मेरे प्रिय आनंद, मैं उस पालकी को घंटों पहले नीचे रख चुका हूँ, लेकिन तुमने अभी भी उस बोझ को क्यों उठा रखा है।”

बुद्ध कहते हैं, “सकारात्मक लोगों को भी नकारात्मक विचार आते हैं, बस वह खुद को उन विचारों के नियंत्रण में नहीं आने देते हैं। विचार मेहमान की तरह है, उन्हें आने और जाने दो.”

3.गौतम बुद्ध, एक राजा और उसका प्रश्न – Best Gautam Buddha Moral Story In Hindi For Life

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एक बार, गौतम बुद्ध अपने कुछ शिष्यों के साथ एक प्रदेश में प्रवचन देने के लिए पहुंचे। उस प्रदेश के राजा को जैसे ही यह बात पता चली, कि महात्मा बुद्ध उसके प्रदेश में प्रवचन के लिए आये हैं, तो उनसे मिलने की उत्कंठा लिए वह बुद्ध के पास पहुंचा।

राजा को बहुत दिनों से एक सवाल परेशान कर रहा था, और अपने इसी प्रश्न का उत्तर वह बुद्ध से जानना चाहता था। बुद्ध के पास पहुंँच कर उसने बुद्ध से पूछा, “हे बुद्ध, क्या इस संसार में कोई ऐसा व्यक्ति भी है, जो महान हो, लेकिन उसे कोई जानता न हो?

राजा का सवाल सुनकर बुद्ध मुस्कराए और बोले, “वास्तव में, दुनिया में ऐसे कई असाधारण लोग हैं, जो महान मनुष्यों से भी महान हैं। हालांकि उनकी महानता के गीत नहीं गाए जाते।”

यह सुनकर राजा ने आश्चर्य से बोला, “ऐसा कैसे हो सकता है, गुरुदेव, कि कोई महान हो, लेकिन लोग उसकी महानता से वाकिफ न हों?” गौतम बुद्ध ने राजा के इस सवाल का जवाब नहीं दिया, लेकिन उसे अपने साथ लेकर एक गांव की ओर चल पड़े।

काफी दूर चलने के बाद उन्हें एक लड़की नजर आई, जो देखने में बहुत ही साधारण सी लग रही थी। वह लड़की एक पेड़ के नीचे घड़े में पानी भरकर बैठी थी। गर्मी में लगातार चलने से राजा और बुद्ध थक चुके थे।

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उन्होंने लड़की से पानी मांगकर पिया। पानी पीकर गर्मी से राहत मिली, तो दोनों की जान में जान आई। राजा ने लड़की को देने के लिए पैसे निकाले, तो उसने पैसे लेने से इनकार कर दिया।

वह बोली, ‘हे राजन! मैं कोई व्यवसाय नहीं करती। आप इस हरे-भरे विशाल पेड़ को देखो, यह किसी से कुछ नहीं मांगता। निःस्वार्थ भाव से सभी को अपनी छांव के जरिए गर्मी में राहत देते हुए साधना कर रहा है।

इसलिए मैं दूर से घड़े में पानी भरकर यहां बैठती हूं ताकि इस पेड़ को पानी दे सकूं और आने-जाने वालों को गर्मी, प्यास, थकान से राहत पहुंचा सकूं।’ वह लड़की आगे कहती है, ‘हे राजन! मेरे पानी पिलाने की इस सेवा से मुझे असीम शांति मिलती है।’

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मुझे आनंद की प्राप्ति होती है लोगों को पानी पिलाने से, मेरे मन को बहुत शांति का आभास होता है। लड़की की यह बातें सुनकर राजा को भी संतुष्टि मिली और उसे अपने सवाल का जबाव भी मिल गया।

और वह प्रसन्न होकर गौतम बुद्ध को प्रणाम कर अपने महल वापस लौट गया।

सीख

दोस्तों, हम अपने जीवन में भी तो कई ऐसे काम करते हैं जो अत्यंत महान होते हैं, जैसे कि माता-पिता की सेवा करना, राह चलते किसी व्यक्ति की मुसीबत में मदद करना, या किसी को उस समय सहारा देना जब उसे हमारे सहारे की बहुत जरुरत थी।

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देखा जाये तो, बुरे से बुरे व्यक्तिओं में भी कुछ न कुछ अच्छी बात होती है, वो कई ऐसे कार्य करते हैं जो महान होते हैं, पर हम ऐसे कार्यों को साधारणतया नजरअंदाज कर देते हैं।

अंतिम शब्द :-

Gautam Buddha Moral Story In Hindi – दोस्तों, आज की इस ब्लॉग पोस्ट में मैंने आपके साथ गौतम बुद्ध की 3 ऐसी कहानियोंको साझा किया है, जिन्हें पढ़कर आप अपने जीवन को पहले से और बेहतर बना सकते हैं।

गौतम बुद्ध का जीवन और उनकी शिक्षाएं Gautam Buddha Moral Story In Hindi हमें दुःख से मुक्ति, आंतरिक शांति, और सच्चे सुख के मार्ग का प्रदर्शन करती हैं। देखा जाए, तो सभी लोग किसी ना किसी परेशानी से जूझ रहे हैं, अपने जीवन के दुखों में फंसकर एक बेहतर जीवन नहीं जी पा रहे हैं।

आज की इन कहानियों Best Gautam Buddha Moral Story In Hindi For Life पढ़कर आपको बोहोत कुछ सीखने को मिला होगा। गौतम बुद्ध की कहानियां हमें यह याद दिलाती हैं कि हम सभी में बदलाव की क्षमता है और हम सब अपने जीवन को सरल, संवेदनशीलता, और मानवता की दिशा में बदल सकते हैं।

दोस्तों आशा करती हूँ आज की यह पोस्ट आपको पसंद आई होगी गौतम बुद्ध कि इन मोटिवेशनल Life Changing Gautam Buddha Moral Story In Hindi कहानियों को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।और अपनी और उनकी जिंदगी को बेहतर बनाएं।

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FAQ

भगवान बुद्ध का मूल संदेश क्या था?

भगवान बुद्ध समझदारी से जीवन जीने, सेहत का ध्यान रखने, क्रोध न करने, आध्यात्मिक जीवन जीने और किसी भी तरह की हिंसा न करने तथा जीवन में त्याग को अपनाने की सीख देते हैं।

बुद्ध की 3 शिक्षाएं क्या हैं?

बुद्ध की शिक्षाओं का सार है- शील, समाधि और प्रज्ञा।

बुद्ध के अनुसार जीवन का सत्य क्या है?

नीतिशास्त्रों में कहा गया है कि जीवन और मरण इस संसार का शाश्वत सत्य है।

बुद्ध दुनिया के बारे में क्या कहते हैं?

बुद्ध के प्रवचनों के अनुसार, हमारा जीवन और संसार, उत्थान और पतन की घटनाओं के अलावा और कुछ नहीं हैं ।

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