Best Gautama Buddha Story In Hindi | दुखी रहने वालों के लिए बुद्ध की सीख

Gautama Buddha Story In Hindi

Best Gautama Buddha Story In Hindi | दुखी रहने वालों के लिए बुद्ध की सीख

Best Gautama Buddha Story In Hindi | दुखी रहने वालों के लिए बुद्ध की सीख – दोस्तों आज की इस ब्लॉग पोस्ट में मैंने आपको गौतम बुद्ध की एक ऐसी कहानी (Gautama Buddha Story In Hindi) के बारे में बताया है, जो दुःख के समय में आपको हिम्मत देगी। गौतम बुद्ध की इस कहानी में एक ऐसा सूत्र बताया गया है, जो आपके जीवन को बेहतर और आसान बना सकता है।

गौतम बुद्ध की प्रेरणास्पद कहानियाँ (Best Gautama Buddha Story In Hindi ) जीवन के महत्वपूर्ण सवालों के उत्तर खोजने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करती हैं, इन कहानियों से आप यह भी जानेंगे कि कैसे एक व्यक्ति अपने जीवन को शांति, समृद्धि, और आत्मिक समृप्ति के माध्यम से सफलता की ओर अग्रसर हो सकता है।

Life Changing Gautam buddha story In Hindi आपको जीवन के बारे में बोहोत कुछ सिखा सकती है आज के इस blog post पर अंत तक बने रहें मुझे यकीन है आप यहाँ से बोहोत कुछ सीख कर जायेंगे।

प्रस्तावना

दोस्तों, दुःख और तकलीफें किसकी जीवन में नहीं होती? हमारे पूरे जीवनचक्र में हम अनेक बार दुःख की पीड़ा को महसूस करते हैं। कई बार तो ये दुःख इतने बढ़ जाते हैं कि समझ ही नहीं आता कि इन दुखों से बाहर कैसे आएं? ये दुःख लाइलाज बीमारी की तरह हमें अंदर से खोखला कर देते हैं,

और ऐसी परिस्थितियों में हम झूंझलाकर खुद से ही एक सवाल करने लगते हैं कि आखिर मेरे जीवन में इतने दुःख क्यों है? क्या कारण है इन दुखों का? और अगर ये दुःख हमारे जीवन का हिस्सा हैं भी,

तो दुख के समय में खुद को शांत कैसे रखें? कैसे लड़ें इन दुखों से ?.. ऐसे ही बहुत सारे प्रश्न एक दुखी और परेशान व्यक्ति के मन में चलते रहते हैं।

लेकिन गौतम बुद्ध की आज की यह कहानी Gautama Buddha Story In Hindi For Life आपको आपके सभी प्रश्नों के उत्तर देगी। अगर आप इस कहानी का भाव समझ गए तो यकीनन आप अपने दुखों से छुटकारा पा सकते हैं।

दुखी रहने वालों के लिए बुद्ध की सीख / Gautama Buddha Story In Hindi

दोस्तों, एक गांव में एक व्यक्ति रहता था। व्यक्ति अपने दुखों से बोहोत परेशान था। वह अपने दुखों से बाहर आने का बोहोत प्रयास करता, किन्तु वह सफल नहीं हुआ।

फिर एक दिन उसके एक मित्र ने उसे बताया कि तुम्हे अपनी समस्याओं के समाधान के लिए महात्मा बुद्ध के पास जाना चाहिए। वह तुम्हारी सभी समस्याओं का हल कर देंगे। बस, फिर क्या था?

व्यक्ति महात्मा बुद्ध से मिलने के लिए चल पड़ा। अंततः वह महात्मा बुद्ध के पास पोंहचा और उन्हें प्रणाम करके बोला, “हे बुद्ध, मेरी जिंदगी में इतने दुख क्यों हैं? इतनी तकलीफें क्यों हैं?”

व्यक्ति की बातें सुनकर महात्मा बुद्ध बोले, “कि बताओ, तुम्हे कौन सा दुःख है?”

व्यक्ति ने कहा, “अपने कितने दुःख आपको बताऊँ? मेरी पूरी जिंदगी दुखों से भरी हुई है। ऐसा लगता है जैसे खुश होने के लिए मेरे पास कुछ है ही नहीं। जो मेरे रिश्ते हैं, उन रिश्तों से भी मैं दुखी हूँ, और मेरे शरीर में भी बीमारियां होती रहती हैं। एक के पीछे एक दुख होता ही रहता है।

Gautama Buddha Story In Hindi For Life

वह व्यक्ति आगे कहता है, ‘ना, मैं अपने रिश्तों से खुश हूँ, ना मैं अपने परिवार से खुश हूँ, ना मैं अपने मन से खुश हूँ, और ना ही अपनी जिंदगी से खुश हूँ। लगता है ऐसी जिंदगी होने से अच्छा है, कि मैं मर जाऊं। कोई मतलब नहीं है जीने का।”

व्यक्ति जब बोलते बोलते रुक गया, तब महात्मा बुद्ध ने उस व्यक्ति से पूछा, “कि बताओ, तुम्हारे इन सभी दुखों का क्या कारण है?”

व्यक्ति बोला, “मैं आपके पास इसीलिए तो आया हूँ कि आप मुझे बताएं कि मेरी जिंदगी में इतने दुःख क्यों हैं? इन सबका क्या कारण है? यदि मैं जानता कि मेरे दुखों का क्या कारण है, तो मैं उस कारण का उपाय स्वयं ही कर लेता।”

महात्मा बुद्ध मुस्कुराए और उस व्यक्ति से बोले, “तुम जरा गहराई से सोचो, विचार करो, और देखो कि कहाँ है तुम्हारा दुःख ? क्या कारण हो सकता है ?” उस व्यक्ति ने बोहोत सोचा लेकिन उसे कुछ समझ नहीं आया।

जब उसे कुछ समझ नहीं आया तो बुद्ध ने उत्त्तर दिया तुम्हारे सारे दुखों का कारण तुम स्वयं ही हो तुम्हारे मन की आसक्ति हैं तुम्हारे मन का मोह है

तब व्यक्ति अचंभित होकर बुद्ध से बोला, “मैं समझा नहीं कि मेरे मन का मोह मेरे सारे दुखों का कारण कैसे हो सकता है।”

तब महात्मा बुद्ध ने उसे तीन छोटी छोटी कहानियां सुनाई। ( Gautama Buddha Story In Hindi )

पहली कहानी: ( Gautama Buddha Story In Hindi For Life )

एक दिन, जंगल के किनारे, एक पेड़ पर एक व्यक्ति बिना सोचे समझे चिपक कर चिल्लाने लगा। उसने कहा, “कोई मुझे इस पेड़ से छुड़ाओ, इस पेड़ ने मुझे पकड़ लिया है!” उसी समय, एक गुरु और उसके शिष्य वहां से गुजर रहे थे।

अचानक, उनकी नजर उस व्यक्ति पर पड़ी, जो पेड़ से चिपक कर चिल्ला रहा था।

लेकिन गुरु ने व्यक्ति को इस हालत में देख कर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं की। गुरु की ऐसी प्रतिक्रिया देख कर शिष्य से रहा नहीं गया। इसीलिए शिष्य ने गुरु से पूछा कि क्या हमें इस व्यक्ति की मदद करनी चाहिए, जो इस पेड़ से चिपक गया है,

तब गुरु ने मुस्कराते हुए उत्तर दिया, “इसकी मदद कोई नहीं कर सकता।”

शिष्य हैरान होकर पूछा, “ऐसा क्यों, गुरुदेव?”

गुरु ने विचार करते हुए कहा, “इस व्यक्ति ने खुद ही पेड़ को पकड़ लिया है, और जिस इंसान ने भी खुद किसी चीज को पकड़ा हुआ है, उसे कौन छुड़ा सकता है, उसे कौन बचा सकता है। इसे तो मैं भी नहीं बचा सकता।”

अपनी पहली कहानी ख़त्म करने के बाद, गौतम बुद्ध उस व्यक्ति से बोले, “जिस तरह उस व्यक्ति ने खुद ही उस पेड़ को पकड़ा हुआ था, वैसे ही तुमने भी सारे दुखों को खुद ही पकड़ा है, और ऐसी परिस्थिति में मैं भी तुम्हे नहीं बचा सकता।”

दूसरी कहानी: ( Gautama Buddha Story In Hindi For Peace )

फिर महात्मा बुद्ध उसे दूसरी कहानी सुनाते हैं, जो कि एक मकड़ी के बारे में है। गौतम बुद्ध इस कहानी में बताते हैं कि एक मकड़ी जो दिन रात मेहनत करके खुद के लिए जाल बुनती है।

वह उस जाला बुनती जाती है, बुनती जाती है, और एक दिन ऐसा आता है जब जाला बुनते बुनते वह खुद उसमें फंस जाती है।

वह उस जाले से बाहर आने की बोहोत कोशिश करती है, लेकिन चाह कर भी उस जाले से बाहर नहीं निकल पाती है। ऐसे ही तुमने भी अपने खुद के जाल बना रखे हैं।

तुमने अपनी जिंदगी में ना जाने कितने ही रिश्ते बनाये हैं, ना जाने कितनों से मोह लगाया है, कितनों को अपना माना है, और उनमें मोह रखने के कारण आज वो तुम्हे दुःख दे रहे हैं। अर्थात, तुम खुद ही अपने दुःख का कारण बन जाते हो।

तीसरी कहानी: ( Best Gautama Buddha Story In Hindi )

फिर महात्मा बुद्ध ने उस व्यक्ति को तीसरी कहानी सुनाई। एक पात्र में भरे हुए शहद में, एक उड़ती हुई मक्खी गिर जाती है। जब वह मक्खी उस पात्र में गिरती है, तो मीठे मीठे शहद के रस में उसे बोहोत आनंद आता है। मीठे शहद का आनंद लेते लेते, वह बोहोत प्रसन्न होती रहती है।

उसे लगता है कि अगर वह चाहे, तो थोड़ा सा शहद का रस लेकर वहां से उड़ भी सकती है, लेकिन वह उड़ती नहीं है और थोड़ी देर बाद ही वह उस रस में इतना डूब जाती है, इतना खो जाती है, कि वो वहां से उड़ना ही नहीं चाहती, और उस रस को लेते लेते, उसके पंख उसी शहद में फस जाते हैं।

फिर जब तक उसका पेट भरता है, वह पूरी तरह से उस शहद में फस जाती है। वह वहां से निकलने की बोहोत कोशिश करती है, आगे जाती है, पीछे जाती है, दाएं जाती है, बाएं जाती है, अर्थात वह उसी शहद में फंसी रह जाती है।

Life Changing Gautama Buddha Story In Hindi

ऐसे ही, तुमने भी अपनी जिंदगी में जिन रिश्तों में आनंद लिया, सुख लिया, शुरू-शुरू में तो तुम्हें बोहोत आनंद आया। लेकिन आज, वही रिश्ते तुम्हें दुःख दे रहे हैं।

ऐसे ही, जब कोई व्यक्ति स्वास्थ्य की परवाह ना करते हुए स्वादिष्ट रसों के पीछे पड़कर कुछ भी खाने लगता है, तो आगे चलकर उसका शरीर ख़राब हो जाता है।

उसके शरीर में रोग आ जाता है। ऐसे ही, जब मन संसार से बोहोत सारी आशाएं कर लेता है, तृष्णाएं कर लेता है, तो उसके मन में धन का लोभ आ जाता है।

फिर चाहे कितना भी धन मिलता रहे, उसकी तृप्ति कभी भी नहीं होती। फिर, एक दिन ऐसा आता है कि व्यक्ति के जीवन में दुःख का जन्म होता है, और फिर व्यक्ति अपने दुख से परेशान होकर तड़पता है।

इसके बाद, वह महात्मा बुद्ध से एक और प्रश्न पूछता है। वह बुद्ध से कहता है कि हे बुद्ध, अब मैंने अपने दुःखों को समझ लिया है, कृपया कर मुझे अब कोई उपाय बताएं जिससे कि मैं इन दुःखों से बाहर आ सकूं।

महात्मा बुद्ध बोले कि अगर तुम अपने सभी दुःखों से बाहर निकलना चाहते हो, तो अपने मन को मोह और वासना से ऊपर उठा कर प्रेम और संतोष से भर दो।

क्योंकि जिसके ह्रदय में प्रेम और संतोष का दिया जल गया, उसके मन में मोह और वासना से जन्में दुख का सारा अन्धकार ही दूर हो जाता है। हांलांकि यह बात कहने में बहुत ही आसान हो सकती है, लेकिन इसे करना बहुत मुश्किल हो सकता है।

निष्कर्ष

Gautama Buddha Story In Hindi- दोस्तों, आज की इस ब्लॉग पोस्ट में मैंने आपके साथ गौतम बुद्ध की एक ऐसी कहानी साझा की है, जिसे पढ़कर आप अपने जीवन को और बेहतर बना सकते हैं।

गौतम बुद्ध का जीवन और उनकी शिक्षाएं हमें दुःख से मुक्ति, आंतरिक शांति, और सच्चे सुख के मार्ग का प्रदर्शन करती हैं। देखा जाए, तो सभी लोग किसी ना किसी परेशानी से जूझ रहे हैं, अपने जीवन के दुखों में फंसकर एक बेहतर जीवन नहीं जी पा रहे हैं।

आज की यह कहानी Gautama Buddha Story In Hindi पढ़कर आपको बोहोत कुछ सीखने को मिला होगा। गौतम बुद्ध की कहानियां हमें यह याद दिलाती हैं कि हम सभी में बदलाव की क्षमता है और हम सब अपने जीवन को सरल, संवेदनशीलता, और मानवता की दिशा में बदल सकते हैं।

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FAQ

गौतम बुद्ध के अनुसार ध्यान का महत्व क्या है?

ध्यान गौतम बुद्ध के शिक्षाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि यह मानव मन को शांति और संतोष की दिशा में मद्दगार होता है।

गौतम बुद्ध के शिक्षाओं का क्या संकेत है?

गौतम बुद्ध ने अपने शिक्षाओं में चार महत्वपूर्ण सत्यों को संकेतित किया: दुःख, उसके कारण, दुःख से मुक्ति का मार्ग, और आचरण।

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